Tuesday, January 3, 2017

राजस्थान में प्रजामण्ड़लो की स्थापना - Prajamandal establishment in Rajasthan

राजस्थान में प्रजामण्ड़लो की स्थापना :-Main Topic which cover in Every Rajasthan Government Exam RPSC ,RMSSB, RAS,PATWAR,GRAM SEVAK, LDC.

1.डूगरपूर प्रजामण्डल की स्थापना 1944 में भोगीलाल पाडया व शिवलाल कोटिल्या द्वारा की गई थी।

2.सिरोही प्रजामण्ड़ल की स्थापना 23 जनवरी 1939 गोकुल भाई भट्ट द्वारा की गई।

3.राजस्थान का प्रथम प्रजामण्डल जयपुर प्रजामण्डल था।

4. जयपुर प्रजामण्डल की कुछ खास बाते- कपूरचंद पाटनी की अध्यक्षता में सर्वप्रथम 1931 में गठित,

5.चिरजीलाल मिश्रा की अध्यक्षता में पुनजीवित (1936-37), 1938 में जमनालाल बजाज अध्यक्ष बने, 1942 में    भारत छोडो आदोलन में सक्रिय भाग नही लेने वाला प्रजामण्डल(अलवर भी था)

6.जेन्टिलमेनटस एग्रीमेन्ट-सितम्बर 1942 में जयपुर के प्रधानमंत्री मिर्जा इस्माइल व श्री हीरालाल शास्त्री के मध्य हुआ समझौता।

7.आजाद मोर्चा- भारत छोडो आदोलन में जयपुर प्रजामण्डल की निष्क्रीयता से असतुष्ट होकर श्री बाबा हरिशचन्द्र, रामकरण जोशी, दौलत भण्डारी, श्री हंस दी राय, द्वारा गठित संगठन जिसका विलय प्रजामण्डल में 1945 में हुआ।

8. उदयपुर प्रजामण्डल आदोलन से संम्बधित महिला नारायणी देवी थी जो कि माणिकय लाल वर्मा की पत्नी थी सन् 1942 में इन्होने भारत छोडो आदांलन मे भाग लिया।

9. करौली प्रजामण्डल की स्थापना 1938 मुंशी त्रिलोकचंद माथुर ने की।

10. मंशी त्रिलोकचंद माथुर ने 1938 में प्रातिंय कांग्रेस कमेटी, अजमेर की शाखा करौली में स्थापित की।

11. बीकानेर प्रजामण्डल की स्थापना कलकता में सन् 1936 में मेघाराम वैध द्वारा की गयी।

12. जैसलमैर प्रजामण्डल - मीठालाल व्यास , झालावाड राज्य प्रजामण्डल - कन्हैयालाल मितल।

13. मेवाड़ प्रजामण्डल 1938 में प्रथम अध्यक्ष बलवत सिहं मेहता व उपाध्यक्ष भूरेलाल बया को बनाय गया ,          महामंत्री माणियलाल वर्मा को बनाया गया।

14. मेवाड प्रजामण्डल की स्थापना 24 अप्रेल 1938 को माणिक्यलाल वर्मा के प्रयासो से हुई।
     नबम्बर, 1941 को प्रथम अधिवेशन माणिक्य लाल वर्मा की अध्यक्षता में उदयपुर में हुआ जिसमे आचार्य          जे.बी. कृपलानी व श्रीमती विजयलक्षमी पण्डित ने भाग लिया।11 अक्टुम्बर 1938 को जब मेवाड                      प्रजामण्डल को गैर-कानूनी घोषित किया और सब को नजरबंद किया तब नाथद्वारा से सविनय अवज्ञा            आन्दोलन प्रारम्भ किया जो महात्मा गांधी के परामर्श पर 3 मार्च 1939 को स्थगित किया।
     माणिक्यलाल वर्मा ने अजमेर से ‘मेवाड़ का वर्तमान शासन‘ नामक पुस्तिका प्रकाशित कर मेवाड़ में                कुशासन  की पोल खोल दी।

15. 1938 मे विभिन्न प्रजामण्डलो की स्थापना हुई व 1938 में कांग्रेस ने राज्यों मे चल रहे स्वतंत्रा आन्दोलनो         के प्रति सहानभूति प्रकट की।

16. भरतपुर प्रजामंण्डल 1938 में किशनलाल जोशी व मास्टर आदित्ययेन्द्र द्वारा स्थापित।

17.शाहपुरा प्रजामंण्डल 18 अप्रेल 1938 में लादूराम व्यास , रमेश चन्द्र ओझा ने की।

18.1938 में कांग्रेस ने हरिपुरा अधिवेशन में सर्वप्रथम देशी रियासतो को भारत का अभिन्न अंग मानते हुए,             उनमे उतरदायी सरकारो की स्थापना का प्रस्ताव दिया।

19. हाडौती सेवा संघ(1934) का सस्थापंक नयूनराम शर्मा था।

20.कोटा प्रजामण्डल (1939) को नयूनराम शर्मा व पं. अभिन्न हरि के साथ मिलकर कर स्थापना की।
     कोटा प्रजामण्डल का प्रथम अधिवेशन पं. नयूनराम की अध्यक्षता में मांगरोल में हुआ।

21. 31 दिसम्बर, 1945 से 1 जनवरी 1946 तक उदयपुर में ऑल इण्डिया स्टेट्स पीपल्स कान्फेस की अध्यक्षता पं. जवाहर लाल नेहरू ने की।

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