गोवा घोषाणा पत्र
1. इस घोषणा पत्र में सभी देशों से आतंकवाद, आतंकवाद कटरपंथ भर्ती, विदेशी एवं अन्य आतंकवादियों की गतिविधियों और आतंकवाद के वित पोषण के स्त्रोतों को बाधित करने के में एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाने का आहन किया गया।
2 सुरक्षा परिषद सहित सुंयक्त राष्ट्र में विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व बढाते हुए सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया गया हैं
3. वर्ष 2030 का शाश्वत विकास और उसके लिए बनाये गये सतत विकास लक्ष्य को स्वीकार करने के निर्णय का ब्रिक्स समूह ने गोवा घोषाणा पत्र में स्वागत किया है।
4 . घोषाणा पत्र में मनी लॉड्रिग, नशीली दवाओं की तस्करी, आपराधिक गतिविधियों जैसे आंतकवाद का सर्मथन करने वाले सगंठित अपराधों को रोकने की अपील की गई। साथ ही आतंकवादी ठिकानों को नेस्तानाबूद करने तथा आंतकवादी इकाइयों द्वारा सोशल मीडिया के दुरूपयोग रोकने पर भी सहमति जताई।
5. ब्रिक्स देशों ने फाइनेशियल एक्शन टास्क फोर्स(एफएटीएफ) के प्रति एक बार फिर प्रतिबद्वता जाहिर की। ताकि मनी लॉड्रिग और आंतककियों को मिल रहे वितीय समर्थन को रोका जा सके।
नोट- "एफटीएफ 1989 में गठित एक अन्तर सरकारी संगठन है, जो मनी लाड्रिग को रोकने के लिए जी-7 देशों की पहल पर बना था। 2001 में इसमें आतंकवाद के वितीय स्त्रोतो पर रोक लगाने की बात भी जोड़ दी थी।"
6 .घोषणा पत्र में पेरिस जलवायु समझोते का भी सर्मथन किया गया।
7. ब्रिक्स देशो ने बाजार सिद्वातों पर आधारित स्वतंत्र रेटिंग एजेंसी की स्थापना पर सहमित जताई। घोषाण पत्र में स्वतंत्र ब्रिक्स रेटिगं एजेंसी की स्थापना के लिए विशेषज्ञों को आमत्रित करने का जिक्र किया गया।
8. उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व ब्रिकस समूह द्वारा नई रेटिंग एजेंसी गठित करने की वकालत करते हुए न्यू डेवलपमेन्ट बैक ( एनडीबी) के अध्यक्ष के.पी.कामत ने तीन बडी वैश्विक रेटिंग एजेशियों ( फिच, मूडिज और स्टैडर्ड एण्ड पुअर्स) के रेटिग तय करने के तौर-तरीकों को लेकर चितां व्यक्त की थी।
9 . इसके अलावा घोषणा पत्र में उर्जा , भष्ट्राचार उन्मूलन, कृषि क्षेत्र में सहयोग, संस्कृति, राजनय जैसे विविध मुद्दो पर चर्चा की गई
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